पटना, 10 जुलाई – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जुटे चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को जबरदस्त जनसहभागिता मिल रही है। महज 14 दिनों में 7.90 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 3.70 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपना गणना फॉर्म भरकर जमा कर दिया है।
14 दिन में लगभग 47% कवरेज
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार:
46.95% यानी 3.70 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने फॉर्म जमा कर दिए हैं।
7.90 करोड़ फॉर्म दो सप्ताह में छापे गए।
इन छपे हुए फॉर्मों में से 97% मतदाताओं तक पहुंचाए जा चुके हैं, यानी अभियान धरातल पर काफी मजबूत तरीके से संचालित हो रहा है।
क्यों है यह पुनरीक्षण अहम?
बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। इसमें:
नए मतदाताओं के नाम जोड़े जा रहे हैं,
मृतक, दोहराव या अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, और
वर्तमान मतदाताओं की जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्षी दलों ने इसे लेकर पहले ही चुनाव आयोग पर भेदभाव और साजिश के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गरीब, मुस्लिम और दलित मतदाताओं के नाम हटाने की आशंका है। हालांकि, आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
क्या बोले अधिकारी?
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
> "यह आंकड़ा दिखाता है कि मतदाता इस प्रक्रिया में रुचि ले रहे हैं। पारदर्शिता और शुद्धता हमारा लक्ष्य है।"