बिहार बंद में दिखा VIP और आम कार्यकर्ता का फर्क, पटना की यह तस्वीर बनी चर्चा का केंद्र


संवाद 

पटना, 9 जुलाई – बिहार बंद के दौरान पटना में महागठबंधन का शक्ति प्रदर्शन जहां एक तरफ चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध का मंच बना, वहीं दूसरी ओर एक तस्वीर ने सियासी गलियारों में बहस छेड़ दी।

क्या है तस्वीर की खास बात?

बंद के समर्थन में पटना में आयोजित महागठबंधन के विरोध मार्च में कई बड़े नेता – राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मनोज झा, अजीत शर्मा आदि — गाड़ियों में सवार होकर मार्च करते नजर आए, जबकि उनके समर्थक और कार्यकर्ता कड़ी धूप और उमस के बीच पैदल मार्च कर रहे थे।

सोशल मीडिया पर उठे सवाल

इस दृश्य की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लोगों ने सवाल उठाया:

क्या लोकतंत्र बचाने की लड़ाई सिर्फ मंच और एसी गाड़ियों से लड़ी जा सकती है?

जब कार्यकर्ता जमीनी संघर्ष में पसीना बहा रहे हैं, तब नेता आराम से क्यों?


जनता की प्रतिक्रियाएं:

एक स्थानीय नागरिक ने कहा –

> "जो जनता के लिए सड़क पर उतरने का दावा करते हैं, वो खुद सड़क पर क्यों नहीं उतरते?"



एक कार्यकर्ता ने बताया –

> "हम तो संघर्ष के लिए आए हैं। नेता गाड़ी में हैं या पैदल, हमें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जनता देख जरूर रही है।"



विपक्ष की सफाई:

राजद और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसे "प्रोटोकॉल और सुरक्षा कारणों" से जोड़ते हुए कहा कि इतने बड़े नेताओं के लिए भीड़ में पैदल चलना मुश्किल होता है।




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