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बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण तेज़ी पर: 4.96 करोड़ मतदाताओं को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं


संवाद 


बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान तेज़ी से चल रहा है। इस अभियान के तहत गणना फॉर्म (फॉर्म 6, 7, 8 आदि) को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है।

📋 बीएलओ को मिली बड़ी जिम्मेदारी:

राज्य निर्वाचन विभाग के निर्देश के अनुसार बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना फॉर्म उपलब्ध करवा रहे हैं और उन्हें तत्काल ऑनलाइन अपलोड भी करा रहे हैं। इससे वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, हटाने और सुधार की प्रक्रिया को समय से पूरा किया जा सकेगा।

👥 7.90 करोड़ मतदाता सूची में से 4.96 करोड़ को राहत:

राज्य की 2003 की मूल मतदाता सूची में जिन 7.90 करोड़ मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, उनमें से 4.96 करोड़ मतदाताओं को किसी दस्तावेज की बाध्यता नहीं होगी। इन मतदाताओं की पहचान पूर्व के रिकॉर्ड के आधार पर स्वतः प्रमाणित मानी जाएगी।

📝 किन्हें देने होंगे दस्तावेज?

नवीन मतदाता, यानी जिनके नाम 2003 के बाद सूची में जोड़े गए।

वे नागरिक, जो पहली बार मतदाता बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं।

जिनका नाम, पता या उम्र आदि में संशोधन किया जा रहा है।


📅 पुनरीक्षण की समयसीमा:

25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चलने वाला यह अभियान सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में चलाया जा रहा है।

इसके तहत घर-घर फॉर्म वितरण, दस्तावेज संग्रहण और ऑनलाइन अपलोडिंग का काम साथ-साथ चल रहा है।








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