बिहार और झारखंड के बीच सोन नदी के जल बंटवारे को लेकर वर्षों से चला आ रहा विवाद अब समाप्त हो गया है। रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में ऐतिहासिक समझौता हो गया।
वर्षों पुराना विवाद सुलझा
सोन नदी के जल के उपयोग को लेकर बिहार और झारखंड के बीच लगभग दो दशकों से विवाद चला आ रहा था। दोनों राज्यों के बीच इस बात पर सहमति नहीं बन पा रही थी कि किसे कितना पानी मिलेगा, जिससे सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक परियोजनाएं प्रभावित हो रही थीं।
बैठक में क्या हुआ?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
दोनों राज्यों ने आपसी समझौते के तहत जल बंटवारे का फॉर्मूला तय किया, जिसमें दोनों पक्षों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया।
क्या होगा असर?
अब बिहार और झारखंड दोनों राज्यों को तय मात्रा में पानी मिलेगा, जिससे खेती और पेयजल संकट दूर होगा।
नई सिंचाई परियोजनाएं और जल आपूर्ति योजनाएं अब बिना रुकावट के आगे बढ़ सकेंगी।
लंबे समय से अटकी योजनाओं को केंद्र सरकार भी वित्तीय सहयोग देने के लिए तैयार है।
अमित शाह ने क्या कहा?
गृहमंत्री अमित शाह ने इस समझौते को "राष्ट्रीय एकता और सहयोग की मिसाल" बताया। उन्होंने कहा कि,
> "यह एक सकारात्मक उदाहरण है कि राज्य आपसी बातचीत और समझदारी से वर्षों पुराने विवादों को सुलझा सकते हैं।"
यह समझौता पूर्वी भारत के विकास के लिए एक नई शुरुआत मानी जा रही है। दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर अब टकराव की जगह सहयोग दिखेगा।