बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही शराबबंदी का मुद्दा एक बार फिर सियासत के केंद्र में आ गया है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने हाल ही में चुनाव जीतने पर राज्य में शराबबंदी खत्म करने का वादा किया था। इसके बाद राजनीतिक दलों के रुख में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम बहुमत की राय के साथ रहेंगे। अगर जनता चाहती है कि शराबबंदी जारी रहे तो वो रहेगा, अगर हटाने की इच्छा है तो उस पर विचार होगा।” तेजस्वी ने यह भी स्पष्ट किया कि शराबबंदी एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दा है और इस पर एकतरफा निर्णय उचित नहीं होगा।
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार के उद्देश्य से लागू किया था। लेकिन इसके दुष्परिणामों और अवैध शराब कारोबार के बढ़ते मामलों के कारण इसे लेकर विरोध के स्वर भी उठते रहे हैं।
तेजस्वी के इस बयान से स्पष्ट है कि राजद अब शराबबंदी को जनता की राय से जोड़ कर देख रही है, जो आने वाले चुनाव में एक बड़ा एजेंडा बन सकता है।