वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिससे दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का नाम मतदाता सूची से काटने की तैयारी की जा रही है।
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🔹 सहनी का आरोप:
"यह सब सत्ता में बैठे लोगों की चाल है," मुकेश सहनी ने कहा।
उनके अनुसार, सरकारें चाहती हैं कि वंचित तबके का प्रतिनिधित्व कमजोर हो जाए।
चुनाव से पहले ही जनादेश को प्रभावित करने की मंशा से यह सब किया जा रहा है।
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🔸 क्या कहा मुकेश सहनी ने?
> "हम अपने समाज के लोगों से आग्रह करते हैं कि वोटर गणना फॉर्म अनिवार्य रूप से भरें। कोई भी दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा या अल्पसंख्यक वोटर अपना नाम कटवाने न दे।"
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🗳️ सियासी पृष्ठभूमि:
बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा 7.90 करोड़ मतदाताओं के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह प्रक्रिया चुनाव से ठीक पहले शुरू कर जनता के अधिकारों से खिलवाड़ है।
कई दलों ने आशंका जताई है कि बड़े पैमाने पर नाम हटाए जा सकते हैं।
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📣 मुकेश सहनी की अपील:
हर वंचित वर्ग का व्यक्ति अपने नजदीकी बीएलओ से संपर्क करे।
फॉर्म भरें, दस्तावेज जमा करें, ताकि उनका नाम सुरक्षित रहे।
आने वाले विधानसभा चुनावों में अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें।