बिहार की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बड़ा बयान देकर सियासी गलियारों में चर्चा को गर्म कर दिया है। पप्पू यादव ने कहा कि राजेश राम या तारिक अनवर बिहार कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं।
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🔹 पप्पू यादव का बयान क्यों अहम?
पप्पू यादव फिलहाल निर्दलीय सांसद हैं, लेकिन कांग्रेस और महागठबंधन के साथ लगातार संवाद में हैं।
उन्होंने खुले तौर पर कहा, "बिहार कांग्रेस में नेतृत्व की ताकत है। राजेश राम और तारिक अनवर दोनों योग्य हैं, पार्टी जिसको चाहे, चेहरा बना सकती है।"
उनके इस बयान से साफ है कि कांग्रेस अब बिहार में तेजस्वी यादव के चेहरे पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहती।
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🔸 राजद की चिंता क्यों बढ़ी?
अब तक महागठबंधन में तेजस्वी यादव ही निर्विवाद सीएम चेहरा माने जाते थे।
पप्पू यादव के बयान को कांग्रेस की नई रणनीति के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
इससे राजद में बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि कांग्रेस यदि अपना चेहरा घोषित करती है तो गठबंधन में नेतृत्व को लेकर टकराव होना तय है।
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🧠 विश्लेषण:
यह बयान महागठबंधन के भीतर बढ़ते अविश्वास को भी दिखाता है।
कांग्रेस चाहती है कि वह बिहार में सिर्फ 'सहयोगी दल' की भूमिका में न रहे, बल्कि सत्ता की दौड़ में बराबर की दावेदार बने।
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🗣️ आगे क्या?
अब देखना होगा कि:
कांग्रेस आधिकारिक तौर पर सीएम चेहरा घोषित करती है या नहीं।
राजद इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है?
क्या यह बयान 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए विपक्षी एकता को कमजोर करेगा?