राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार में मतदाताओं की वोटर लिस्ट में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश रची जा रही है।
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🔴 क्या बोले तेजस्वी यादव?
एक बयान में तेजस्वी यादव ने कहा:
> "बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जो वोटर लिस्ट का रिवीजन चल रहा है, उसका मकसद गरीबों के नाम काटना है। पहले उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा, फिर उन्हें मिलने वाला राशन, पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं भी बंद कर दी जाएंगी। ये सब सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है।"
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⚖️ विपक्ष की चेतावनी
तेजस्वी यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि
> "अगर एक भी गरीब या वंचित वर्ग का नाम गलत तरीके से वोटर लिस्ट से हटाया गया तो हम सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे। सरकार जनमत से डर रही है इसलिए जनता को ही हटाने की साजिश कर रही है।"
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🗳️ चुनाव आयोग पर भी सवाल
राजद नेता ने चुनाव आयोग से भी इस पूरे अभियान की स्वतंत्र निगरानी कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि
> "हर बूथ पर विपक्षी दलों को सक्रिय रहना होगा, ताकि किसी के अधिकार को छीना न जा सके।"
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🔍 सरकार का पक्ष क्या है?
सरकार की तरफ से अभी इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पहले ही यह कहा गया है कि मतदाता पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य अपात्र नामों को हटाना और नए पात्र नागरिकों को जोड़ना है।