पटना:
बिहार सरकार ने मत्स्य कृषकों के लिए एक बड़ी पहल की है। अब चलंत मात्स्यिकी लैब वाहन (मोबाइल फिशरीज लैबोरेटरी सह प्रसार वैन) राज्य के विभिन्न हिस्सों में मत्स्य किसानों के तालाब तक पहुंचेगा, जहां मछली आहार की गुणवत्ता की जांच, पानी की जांच, और तकनीकी सलाह मौके पर ही दी जाएगी।
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🔹 मत्स्य आहार की गुणवत्ता की onsite जांच
वैन में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनकी मदद से मछलियों के आहार और तालाब के पानी की गुणवत्ता की तुरंत जांच की जा सकेगी। इससे मत्स्य किसानों को यह जानने में मदद मिलेगी कि उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे आहार और पानी मछली पालन के लिए उपयुक्त हैं या नहीं।
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🔹 मत्स्य पालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल
विभागीय पदाधिकारियों का कहना है कि यह राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है। इससे न सिर्फ उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि रोग नियंत्रण, आर्थिक बचत, और समय पर सही सलाह मिलने से मछली पालकों की आय भी बढ़ेगी।
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🔹 किसानों को दी जाएगी तकनीकी जानकारी
यह वैन न केवल जांच करेगा, बल्कि किसानों को
उन्नत मत्स्य पालन विधियों,
रोग प्रबंधन,
गुणवत्ता आहार चयन,
और बाजार से जुड़ाव जैसे विषयों पर जानकारी भी देगा।
वैन में कार्यरत विशेषज्ञ किसानों के साथ संवाद कर समस्याओं का समाधान मौके पर ही करेंगे।
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🔹 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
यह पहल बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायक होगी। खासकर सीमांचल, मिथिलांचल, और दक्षिण बिहार के उन क्षेत्रों में जहां मछली पालन आजीविका का प्रमुख साधन है।