पटना में राहुल गांधी के रोड शो में मंच पर चढ़ने से रोके गए पप्पू यादव और कन्हैया कुमार, गठबंधन में दरार के संकेत?


संवाद 

पटना—
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में महागठबंधन के बिहार बंद प्रदर्शन में मंगलवार को राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, राजद-कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस प्रदर्शन के दौरान एक अप्रत्याशित दृश्य सामने आया, जब कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्व सांसद पप्पू यादव को राहुल गांधी के मंच या ओपन गाड़ी में चढ़ने से रोक दिया गया।

क्या थी स्थिति?

राहुल गांधी ओपन वाहन में तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं के साथ मार्च में शामिल हुए। मंच पर या वाहन पर चढ़ने की कोशिश कर रहे कन्हैया और पप्पू यादव को गेट पर ही रोक दिया गया, जिससे दोनों visibly असहज और नाराज़ दिखे।

तेजस्वी की वजह से मिली रोक?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस 'चयनित भागीदारी' के पीछे तेजस्वी यादव की भूमिका प्रमुख है। पप्पू यादव की तेजतर्रार शैली और कन्हैया की स्वतंत्र राजनीतिक पहचान, तेजस्वी को चुनौती के रूप में दिखती है। इसलिए उनकी उपस्थिति नियंत्रित रखने की कोशिश की गई।

पप्पू यादव की प्रतिक्रिया

हालांकि पप्पू यादव ने सीधे किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कहा:

> "जनता जानती है कौन जनता के साथ है और कौन राजनीति के मंचों पर कब्जा करना चाहता है। मैं जनता के बीच हूं, गाड़ी में न सही, पर दिल में रहूंगा।"



कन्हैया कुमार ने भी कसा तंज

कन्हैया ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा:

> "देश की राजनीति में मंचों से ज्यादा ज़रूरी है, ज़मीन पर होना।"




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📌 विश्लेषण:

महागठबंधन की इस 'मंचीय राजनीति' से साफ है कि भीतर ही भीतर सत्ता और वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।

अगर ऐसे ही वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया जाता रहा, तो 2025 के विधानसभा चुनाव में विपक्ष को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।




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