पटना – बिहार बंद के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर पटना पहुंचे, लेकिन इस बार भी वे कांग्रेस में शामिल हो चुके पप्पू यादव से नहीं मिले। यह लगातार तीसरा मौका है जब दोनों नेता एक ही शहर में मौजूद रहे, लेकिन कोई औपचारिक या अनौपचारिक भेंट नहीं हुई।
16 महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे पप्पू
जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने करीब 16 महीने पहले कांग्रेस के साथ औपचारिक रूप से हाथ मिलाया था। माना गया था कि उन्हें बिहार में पार्टी के लिए बड़ी भूमिका दी जाएगी, लेकिन अब तक नेतृत्व में जगह नहीं मिलने से वह नाराज़ हैं।
तेजस्वी यादव से जुड़ता है मामला?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजद नेता तेजस्वी यादव को पप्पू यादव की बढ़ती सक्रियता रास नहीं आ रही। चूंकि कांग्रेस बिहार में अब भी महागठबंधन की बड़ी सहयोगी पार्टी है, इसलिए तेजस्वी की स्वीकृति के बिना किसी नेता को महत्व देना मुश्किल होता है।
पप्पू की चुप्पी भी बता रही बहुत कुछ
पटना में राहुल गांधी के आगमन पर पप्पू यादव ना तो उनके साथ मंच पर दिखे और ना ही कोई संयुक्त बयान आया। पप्पू ने इसपर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उनके करीबी नेताओं ने इशारों में जताया कि "पार्टी में पुराने चेहरों को ही तरजीह दी जा रही है।"