पटना के नामी कारोबारी परिवार खेमका परिवार पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शुक्रवार की रात गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे ठीक छह साल पहले दिसंबर 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। अब दो-दो हत्याओं के बाद पूरा बिहार स्तब्ध है और एक ही सवाल गूंज रहा है —
"आख़िर खेमका परिवार पर किसकी काली नज़र है?"
❓ लगातार दो हत्याएं, कोई सुराग नहीं?
2018 में फैक्ट्री जाते समय बेटे गुंजन खेमका की हत्या कर दी गई थी।
अब 2024 में पिता गोपाल खेमका की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दोनों मामलों में हत्यारे साफ बच निकलते हैं, कोई पुख्ता सुराग नहीं।
🚨 पुलिस पर उठे सवाल
खेमका परिवार ने पटना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
परिजनों ने कहा:
> “गांधी मैदान थाना सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है, लेकिन पुलिस डेढ़ घंटे देर से पहुंची।”
🧩 कोई विवाद नहीं, कोई दुश्मनी नहीं
खेमका परिवार का कहना है कि उनका किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या व्यावसायिक विवाद नहीं है। फिर आखिर किसे है इस परिवार से इतनी रंजिश कि एक-एक कर परिवार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है?
📹 सीसीटीवी से मिले कुछ सुराग
घटना स्थल के पास लगे सीसीटीवी में एक हमलावर हेलमेट पहने दिखाई दे रहा है, जो गोली मारने के बाद स्कूटी से फरार हो गया। पुलिस ने वीडियो कब्जे में लेकर जांच तेज कर दी है।
🔍 राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि "जंगलराज फैलाने की कोशिश को नाकाम करेंगे, अपराधियों का एनकाउंटर भी किया जाएगा।"
पप्पू यादव ने रात में घटनास्थल पहुंचकर ट्वीट किया —
> “नीतीश जी, बख्श दीजिए बिहार को।”
---
🔴 सवाल अब भी जस का तस
क्या यह सुनियोजित साजिश है?
क्या पुलिस निष्क्रिय है या किसी प्रभाव में?
कब तक खेमका परिवार को सुरक्षा से वंचित रखा जाएगा?
🔎 बिहार की राजधानी में इस तरह खुलेआम हत्या से बिहार की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
अब देखना है कि प्रशासन और सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है।