गया (बिहार) – बिहार की राजनीति में गया टाउन विधानसभा सीट एक मजबूत भाजपा गढ़ के रूप में जानी जाती है। पिछले लगभग 35 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के प्रेम कुमार यहां से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। उनका राजनीतिक प्रभाव और जनसंपर्क इतना मजबूत है कि आज तक कोई दल उनके इस दुर्ग को भेद नहीं सका।
2025 में महागठबंधन की नजरें
आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दल) की नजर इस सीट पर है। गठबंधन के रणनीतिकार इसे भाजपा के खिलाफ प्रतीकात्मक लड़ाई मान रहे हैं और इस किला को ढहाने के लिए मजबूत स्थानीय उम्मीदवार और जातीय समीकरण साधने में जुटे हैं।
प्रेम कुमार की पकड़ अब भी मजबूत
डॉ. प्रेम कुमार न केवल स्थानीय जनता में लोकप्रिय हैं, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी उनकी मजबूत पकड़ है। वह लंबे समय तक मंत्री भी रह चुके हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। उनका कहना है:
> "सेवा और विकास का रास्ता ही मेरा एजेंडा रहा है, जनता हर बार आशीर्वाद देती रही है।"
समीकरण बदलने की कोशिश
महागठबंधन का तर्क है कि स्थानीय मुद्दों, महंगाई, बेरोजगारी और जातीय असंतुलन के आधार पर इस बार मतदाताओं के रुझान में बदलाव संभव है। हालांकि, भाजपा इसे महज भ्रम बता रही है।
क्या 2025 में प्रेम कुमार का तिलिस्म टूटेगा या भाजपा फिर रचेगी इतिहास? इसका जवाब तो चुनाव के नतीजे ही देंगे, लेकिन फिलहाल गया टाउन सीट पर सियासी तापमान चढ़ता दिख रहा है।