पटना (बिहार) – बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान एक गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। कई जिलों में कुछ मतदाताओं के पास दो-दो वोटर आईडी (EPIC) पाए गए हैं। चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है और स्पष्ट किया है कि एक से अधिक वोटर कार्ड रखना कानूनन अपराध है, जिसकी सजा जेल और जुर्माना दोनों हो सकती है।
कानून क्या कहता है?
भारतीय दंड संहिता और चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक:
एक व्यक्ति केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदाता पहचान पत्र रख सकता है।
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर दोहरी प्रविष्टि करवाता है, तो उस पर धारा 17 और 31 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
दोषी पाए जाने पर एक साल तक की कैद या हजारों रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
चुनाव आयोग की नजर सख्त
सूत्रों के मुताबिक, विवादित मामलों की जांच शुरू कर दी गई है। जिला निर्वाचन कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे मामलों की पहचान कर संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।
वोटर लिस्ट रिवीजन में विशेष सतर्कता
1 सितंबर तक चलने वाले दावा और आपत्ति के दौरान आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपनी जानकारी सत्यापित करें और गलत जानकारी छुपाने या दोहरे पंजीकरण से बचें।
तेजस्वी यादव का मामला भी सुर्खियों में
हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगा, जिसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय आयोग की जांच के बाद ही सामने आएगा।
कानूनी पचड़े में पड़ने से बचना है तो एक ही वैध EPIC रखें और समय पर सुधार करवाएं।