पटना (बिहार) – कभी नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित रहा बिहार अब शांति और विकास की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। राज्य के एडीजी (ऑपरेशन) कुंदन कृष्णन ने मंगलवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अब बिहार में सिर्फ 3 हथियारबंद नक्सली ही बचे हैं। यह राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों की साझा कार्रवाई की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
क्या बोले एडीजी कुंदन कृष्णन?
एडीजी ने कहा:
> “बिहार में नक्सलवाद लगभग समाप्ति की कगार पर है। सुरक्षाबलों के लगातार ऑपरेशनों और स्थानीय जनता के सहयोग से अब पूरे राज्य में केवल तीन हथियारबंद सक्रिय नक्सली बचे हैं। बहुत जल्द उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा या वे आत्मसमर्पण करेंगे।”
नक्सल प्रभावित जिले अब शांत
बिहार के गया, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय और बांका जैसे जिले पहले नक्सल गतिविधियों के गढ़ माने जाते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में:
लगातार कॉम्बिंग ऑपरेशन
सड़कों और बुनियादी ढांचे का विकास
और जन भागीदारी वाले कार्यक्रमों ने नक्सल गतिविधियों को जड़ से कमजोर कर दिया है।
आत्मसमर्पण नीति का असर
राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के कारण भी कई नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। उन्हें समाज में फिर से स्थापित करने में प्रशासन की मदद मिल रही है।
क्या नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो गया है?
हालांकि बिहार पुलिस का दावा बेहद उत्साहजनक है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अभी भी सतर्क हैं। नक्सलियों की स्लीपर सेल या सीमावर्ती जिलों से फिर से सक्रिय होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
फिर भी, बिहार में कानून व्यवस्था और विकास की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।