वैशाली (बिहार) – बिहार के वैशाली जिले से एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो अमेरिका के नागरिकों को झांसा देकर उनके बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा रहे थे। इस गैंग का सरगना अभी फरार है और उसकी तलाश जारी है।
कैसे करते थे ठगी?
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये गिरोह:
विदेशी नंबरों और वीओआईपी कॉल्स का इस्तेमाल कर अमेरिका के लोगों से संपर्क करता था।
खुद को बैंक अधिकारी, टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ या सरकारी एजेंट बताकर विश्वास जीतते थे।
फिर फर्जी वेबसाइटों और सॉफ्टवेयर के जरिए उनके सिस्टम को एक्सेस कर लेते थे।
पीड़ितों के खातों से डॉलर में राशि ट्रांसफर कर भारतीय खातों में मंगवाते थे।
गिरफ़्तारी कहां से हुई?
पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर हाजीपुर के पास एक ठिकाने पर छापा मारा, जहां से:
5 साइबर ठगों को रंगे हाथ पकड़ा गया।
उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, फर्जी दस्तावेज, पासबुक, ATM कार्ड, इंटरनेट कॉलिंग डिवाइस और विदेशी पीड़ितों की डिटेल्स बरामद हुई हैं।
गैंग का सरगना अभी फरार
इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड अभी फरार है। पुलिस के अनुसार वह पहले भी कई साइबर अपराधों में शामिल रहा है और अब वह बिहार के बाहर कहीं छिपा हो सकता है। पुलिस ने उस पर फरारी का वारंट जारी कर दिया है।
पुलिस ने क्या कहा?
वैशाली एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा:
> "ये साइबर अपराधी हाईटेक तरीके से विदेशियों को निशाना बना रहे थे। हमने तकनीकी सहायता और गुप्त सूचना के आधार पर इन्हें पकड़ा है। गैंग के अन्य सदस्यों की भी तलाश जारी है।"
क्या है अगला कदम?
आरोपियों से अंतरराष्ट्रीय साइबर ट्रांजैक्शन की जानकारी ली जा रही है।
इंटरपोल और भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया गया है।
पीड़ित विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि साइबर अपराध की सीमाएं देश की सीमाओं से बहुत आगे तक फैली हैं, लेकिन बिहार पुलिस की तेज कार्रवाई ने एक बड़ा गिरोह बेनकाब कर दिया है।