पटना: आवासीय प्रमाण पत्र (Residential Certificate) के नाम पर चल रहे काले कारोबार के खुलासे के बाद पुलिस अब कई स्तर पर इसकी जांच कर रही है। शुरुआती जांच में यह मामला बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े और दलालों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शक है कि यह नेटवर्क सिर्फ कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें बड़े पैमाने पर लोग शामिल हो सकते हैं। यही कारण है कि अब अन्य जांच एजेंसियों को भी इसमें शामिल करने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और राजस्व विभाग भी इसकी गहन जांच कर सकते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर कई लोग सरकारी योजनाओं और आरक्षण का अनुचित लाभ ले रहे थे। फिलहाल कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं और आरोपियों की पहचान की जा रही है।
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