बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में यह दावा किया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी। लेकिन अब इस पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और उनके दावे को झूठा, तथ्यात्मक रूप से गलत और शरारतपूर्ण बताया है।
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण:
आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि:
> "तेजस्वी यादव का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची 2025 में स्पष्ट रूप से दर्ज है। पटना जिले के उनके मतदान केंद्र पर उनका नाम क्रमांक 416 पर मौजूद है। यह पूरी तरह से रिकॉर्ड में है।"
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों से मतदाताओं में भ्रम फैलता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचता है।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा था?
तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है, जो चुनावी षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधियों को टारगेट करने की साजिश बताया था।
राजनीतिक माहौल गरमाया
तेजस्वी के बयान पर जदयू और भाजपा के नेताओं ने भी पलटवार किया था। अब जब चुनाव आयोग ने खुद स्पष्टीकरण जारी कर दिया है, तो राजद पर जवाबदेही का दबाव बढ़ गया है। सत्तापक्ष ने इसे जनता को गुमराह करने की कोशिश बताया है।
आयोग की चेतावनी
आयोग ने संकेत दिया है कि मतदाता सूची से जुड़ी गलत सूचनाएं फैलाने पर कार्रवाई भी हो सकती है, खासकर जब यह जानकारी सार्वजनिक रूप से फैलाई जाती है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि तेजस्वी यादव इस पर क्या सफाई देते हैं, और क्या यह मामला केवल बयानबाजी तक सीमित रहेगा या कानूनी मोड़ भी लेगा।