सरायरंजन सीट पर जदयू की प्रतिष्ठा दांव पर, विजय चौधरी के सामने चौथी जीत की चुनौती


संवाद 

बिहार की चर्चित सरायरंजन विधानसभा सीट एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा में है। इस सीट से जदयू नेता विजय कुमार चौधरी लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अब 2025 के विधानसभा चुनाव में उनके सामने चौथी बार जीत दर्ज करने की चुनौती है।

अब तक का सफर:

विजय चौधरी न सिर्फ सरायरंजन के लोकप्रिय विधायक हैं, बल्कि जदयू सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य और क्षेत्र के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। उनके कार्यकाल में क्षेत्र में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर कई योजनाएं शुरू की गईं, जिनका राजनीतिक लाभ उन्हें मिलता रहा है।

2025 का चुनाव क्यों अहम?

लगातार चौथी बार जीतना न सिर्फ विजय चौधरी के लिए बल्कि जदयू के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।

विपक्ष यहां से किसी नए और मजबूत चेहरे को मैदान में उतार सकता है, जिससे मुकाबला रोचक हो सकता है।

क्षेत्र में जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और सरकार के प्रदर्शन पर जनता का मूड इस बार निर्णायक भूमिका निभाएगा।


क्या कहते हैं समीकरण?

सरायरंजन विधानसभा सीट मिथिलांचल की उन सीटों में शामिल है जहां यादव, कुर्मी और सवर्ण मतदाता संतुलन बनाते हैं। विजय चौधरी का कुर्मी वोट बैंक उनके साथ मजबूती से बना हुआ है, लेकिन महागठबंधन या एनडीए की आपसी रणनीति इस सीट पर समीकरण बिगाड़ भी सकती है।

जनता की अपेक्षाएं:

स्थानीय लोगों की मांगें अब स्थायी रोजगार, उच्च शिक्षा संस्थान, और बाढ़ जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान जैसे मुद्दों पर केंद्रित हैं। ऐसे में केवल पुराने काम गिनाकर चुनाव जीतना शायद पहले जितना आसान न हो।

अब देखना होगा कि क्या विजय चौधरी सरायरंजन की जनता का चौथी बार विश्वास जीत पाएंगे या इस बार यहां सियासी समीकरण कुछ नया रुख दिखाएंगे।




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