पटना। लालू-राबड़ी शासन के अंत के बाद 2005 में नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सड़क, बिजली, कानून-व्यवस्था और शिक्षा जैसे मुद्दों पर काम करते हुए जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया।
इसका असर 2010 के विधानसभा चुनाव में साफ दिखा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार में अभूतपूर्व जीत दर्ज की। 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 206 सीटें जीत लीं, जो कुल सीटों का करीब 85 प्रतिशत था।
इतिहास में पहली बार किसी गठबंधन को बिहार में इतनी बड़ी जीत हासिल हुई थी। यह चुनाव नतीजे उस दौर में जनता के एकतरफा फैसले का उदाहरण बन गए, जब लोगों ने नीतीश कुमार के कामकाज को पूरी तरह स्वीकार कर लिया था।
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