संवाद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। आमतौर पर चुनाव आयोग सितंबर में ही तारीखों का ऐलान कर देता है, लेकिन इस बार अभी तक घोषणा नहीं हुई है। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि आयोग अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनावी कार्यक्रम जारी करेगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर बिहार चुनाव की घोषणा इस बार लेट क्यों हो रही है?
1. त्योहार का मौसम
इस बार सितंबर के अंत से लेकर अक्टूबर के मध्य तक पितृपक्ष, नवरात्र, दुर्गापूजा, दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्व पड़ रहे हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी स्तर पर धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों पर कई तरह की पाबंदियां लग जाती हैं। आयोग नहीं चाहता कि चुनावी प्रक्रिया के कारण त्योहारों का माहौल प्रभावित हो।
2. मौसम और बारिश
बिहार में सितंबर के अंत तक कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति रहती है। ऐसे हालात में चुनाव की घोषणा करने से प्रशासनिक दिक्कतें बढ़ सकती थीं। यही कारण है कि आयोग मौसम थोड़ा स्थिर होने के बाद ही तारीखों का ऐलान करने की तैयारी में है।
3. प्रशासनिक तैयारियां
बिहार में करीब 8 करोड़ मतदाता हैं और मतदान के लिए लाखों कर्मियों की तैनाती करनी होती है। आयोग चाहता है कि मतदाता सूची, बूथों की समीक्षा, सुरक्षा व्यवस्था और लॉजिस्टिक को पूरी तरह दुरुस्त करने के बाद ही चुनावी बिगुल फूंका जाए।
4. राजनीतिक रणनीति
चुनाव आयोग पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से तैयारी कर रहा है, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से भी अक्टूबर का समय अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मतदान की तारीखें अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के मध्य तक रखी जा सकती हैं, ताकि परिणाम छठ पर्व से पहले या तुरंत बाद घोषित हो जाएं।
2020 बनाम 2025
- 2020 चुनाव: सितंबर के अंत में तारीखों का ऐलान हुआ था, मतदान अक्टूबर-नवंबर में हुआ।
- 2025 चुनाव: इस बार तारीखें अक्टूबर की शुरुआत में घोषित होने की संभावना है, और मतदान भी नवंबर तक खिंच सकता है।
त्योहार, मौसम और प्रशासनिक तैयारियों की वजह से इस बार बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा पिछली बार से थोड़ी देर से हो रही है। लेकिन अब चुनाव आयोग की टीम 4-5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेगी, जिसके बाद कभी भी तारीखों की घोषणा संभव है।
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