पटना। बिहार को मखाना की धरती कहा जाता है और इसका बड़ा कारण भी है। देश के कुल मखाना उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी करीब 85 फीसदी है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन चुका है।
राज्य में लगभग 50 से 60 हजार किसान और मजदूर सीधे तौर पर मखाना की खेती से जुड़े हैं। अकेले मधुबनी जिले में ही 10 हजार से अधिक किसान इस खेती पर निर्भर हैं।
वर्तमान में बिहार में करीब 40 से 45 हजार हेक्टेयर भूमि पर मखाना की खेती हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसे आधुनिक तकनीक और सरकारी सहयोग से और बढ़ावा मिले तो बिहार की मखाना खेती वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान और मजबूत कर सकती है।
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