संवाद
आज 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को धनतेरस का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। दीपावली से दो दिन पहले आने वाला यह त्योहार समृद्धि, आरोग्य और धन की देवी माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की आराधना को समर्पित होता है।
🌟 धनतेरस का महत्व
धनतेरस के दिन सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और घर के उपयोग की चीजें खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन की गई खरीदारी पूरे साल शुभ फल और संपन्नता लाती है।
🕰️ धनतेरस 2025 का शुभ मुहूर्त
- धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 06:58 बजे से रात 08:36 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:45 से 12:30 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 06:00 बजे से रात 08:36 बजे तक
- यम दीपदान मुहूर्त: सूर्यास्त के बाद
🪔 धनतेरस पूजा विधि
- शाम के समय घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लक्ष्मी-गणेश, कुबेर और धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- पीले वस्त्र पहनकर पूजन करें और दीप जलाएं।
- चंदन, फूल, अक्षत, मिठाई और नैवेद्य अर्पित करें।
- कुबेर जी के सामने चांदी का सिक्का या बर्तन रखें और उनका आशीर्वाद लें।
- घर के मुख्य द्वार पर यम दीप जलाकर रखें ताकि अकाल मृत्यु का भय न रहे।
📿 धनतेरस के मंत्र
माता लक्ष्मी मंत्र:
"ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"
भगवान कुबेर मंत्र:
"ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः"
भगवान धन्वंतरि मंत्र:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरये अमृतकलशहस्ताय सर्वामयविनाशनाय नमः"
🛍️ क्या खरीदें धनतेरस पर
- सोना, चांदी या सिक्का
- बर्तन (विशेषकर पीतल, चांदी या स्टील)
- झाड़ू (समृद्धि का प्रतीक)
- इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं
- वाहन या घर के लिए सामान
✨ महत्वपूर्ण परंपरा
धनतेरस की रात यम दीपदान का विशेष महत्व होता है। इसे घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाकर रखा जाता है, जिससे परिवार को दीर्घायु और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मिथिला हिन्दी न्यूज की ओर से आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं।
समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशियों से आपका जीवन रोशन रहे।
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