रोहित कुमार सोनू
दिवाली और गोवर्धन पूजा के बाद कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाया जाने वाला भाई दूज का पावन पर्व आज, 23 अक्टूबर (गुरुवार) को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, क्योंकि इसका संबंध यमराज और उनकी बहन यमुना के प्रेम से जुड़ा है।
✅ शुभ मुहूर्त
आज भाई को तिलक करने का सबसे शुभ समय:
🕐 दोपहर 1:13 बजे से दोपहर 3:28 बजे तक
इसी मुहूर्त में बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके दीर्घायु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं।
📜 धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को तिलक कर उनके दीर्घायु की कामना की थी। बहन के प्रेम से प्रसन्न होकर यमराज ने इस दिन तिलक करवाने वाले सभी भाइयों को अकाल मृत्यु से मुक्ति का आशीर्वाद दिया। तभी से यह दिन यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
👧 बहन की भावनाएँ, 👦 भाई का स्नेह
इस दिन भाई अपने बहन के घर जाकर तिलक करवाता है और उसके हाथों से बना भोजन ग्रहण करता है। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और पारिवारिक बंधन मजबूत होता है।
🎉 त्योहार का महत्व
- भाई की रक्षा और लंबी आयु की कामना
- बहन के स्नेह और आशीर्वाद का प्रतिक
- परिवार में प्रेम और एकता को बढ़ाने वाला त्योहार
- अकाल मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा का प्रतीक
आज का यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और भी अधिक मजबूत बनाने का सुनहरा अवसर है। तिलक, मिठाइयाँ और ढेर सारा प्यार इस त्योहार को यादगार बनाता है।
आप सभी को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌺🙏
– मिथिला हिन्दी न्यूज