शारदा सिन्हा का छठ गीत जिसने रचा था इतिहास: बना था विश्व रिकॉर्ड का हिस्सा

संवाद 

छठ महापर्व की बात हो और सुरों की सम्राज्ञी शारदा सिन्हा का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। उनके मधुर स्वरों में गाए गए छठ गीत न केवल बिहार और पूर्वांचल के दिलों में बसे हैं, बल्कि इनमें से एक गीत ने ऐसा कीर्तिमान बनाया था जो विश्व रिकॉर्ड का हिस्सा बना।

🎶 वह गीत जिसने बनाया इतिहास

“ललनवा के मुझसे लड़ाई हो गई” – यह छठ गीत शारदा सिन्हा का वह सुपरहिट गाना है जो न सिर्फ घर-घर में गूंजा बल्कि इसकी लोकप्रियता ने रिकॉर्ड बनाए। इस गीत ने छठ गीतों को एक नए मुकाम तक पहुंचाया। इसके यू-ट्यूब व्यूज़ और ऑडियो-सीडी की भारी बिक्री ने इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।

📀 कैसे बना विश्व रिकॉर्ड का हिस्सा?

✅ इस गीत के एल्बम की बिक्री ने भारतीय लोकगीत श्रेणी में एक समय में रिकॉर्डतोड़ व्यूज़ और डाउनलोड्स हासिल किए।
✅ देश-विदेश के छठ पर्व आयोजनों में यह गीत सबसे अधिक बार गाया और बजाया गया।
✅ लोक संगीत श्रेणी में इसे सबसे लोकप्रिय गीतों में शुमार करते हुए रिकॉर्ड बुक्स में शामिल किया गया।

🌍 छठ गीत को दिए वैश्विक पहचान

शारदा सिन्हा की मधुर आवाज ने छठ गीतों को भारत की सीमाओं से बाहर ले जाकर अमेरिका, यूके, यूएई, मॉरीशस तथा नेपाल में बसे प्रवासी भारतीयों के दिलों में घर-घर पहुंचाया। यह गीत अंतरराष्ट्रीय cultural events में भी बजाया गया, जो इसे विश्व पहचान दिलाने का बड़ा कारण बना।

🪔 छठ = शारदा सिन्हा की आवाज

शारदा सिन्हा के गीत आज भी छठ पर्व के दौरान घाटों से लेकर घरों तक गूंजते हैं। “ललनवा के मुझसे लड़ाई हो गई”, “कांच ही बांस के बहंगिया”, “पाहिले पहिल हम कइनी छठि मइया व्रतिया” जैसे गीतों ने छठ को भावनाओं के उत्सव में बदल दिया।


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