बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ता दिख रहा है। अब तक सबकुछ ठीक-ठाक नजर आ रहा था, लेकिन जैसे-जैसे सीटों की संख्या पर बातचीत आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे सहयोगी दलों के बीच असहमति के स्वर तेज हो रहे हैं।
सबसे पहले एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने तेवर कड़े किए, अब हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के सुर भी तल्ख हो गए हैं।
दोनों नेताओं ने साफ संकेत दिए हैं कि वे अपनी पार्टी की “सम्मानजनक हिस्सेदारी” से कम पर सहमत नहीं होंगे।
सूत्रों का कहना है कि चिराग पासवान जहां कम से कम 43 सीटों की मांग कर रहे हैं, वहीं मांझी भी अपने प्रभाव वाले इलाकों में ज्यादा सीटें चाहते हैं।
भाजपा और जदयू की कोशिश है कि बातचीत के जरिए मामला सुलझाया जाए, लेकिन गठबंधन के भीतर मोलभाव की राजनीति ने माहौल को गर्मा दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह असहमति जल्द नहीं सुलझी, तो इसका असर एनडीए की चुनावी एकजुटता पर पड़ सकता है।
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