विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बिहार में एनडीए की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बन चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सत्ता संभाली है और उनके साथ कुल 26 मंत्रियों ने शपथ लेकर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
मंत्रिमंडल गठन के साथ ही नए सरकार के कामकाज की दिशा तय होने लगी है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चुनावी रैलियों में किए गए वादे कब और कैसे पूरे होंगे। रोजगार, कानून व्यवस्था, शिक्षा, कृषि, महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुधार और आधारभूत संरचना जैसे मुद्दों पर सरकार से त्वरित कदम की अपेक्षा की जा रही है।
मंत्रियों को विभाग मिलते ही कामकाज तेज
शपथ ग्रहण के बाद मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए गए हैं और कई मंत्रालयों ने फाइलों पर काम शुरू भी कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले सप्ताह में सरकार अपने पहले फैसलों की घोषणा कर सकती है।
चुनावी घोषणाओं पर नजर
एनडीए की ओर से चुनाव के समय जिन प्रमुख वादों का जिक्र किया गया था, उनमें शामिल हैं—
युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार के अवसर
किसानों के लिए नीतिगत सुधार
महिलाओं और छात्राओं को आर्थिक व सामाजिक सहायता
इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास योजनाओं को गति
डिजिटल सुविधा और प्रशासनिक सुधार
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शुरुआती 100 दिन इस सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे और इन्हीं दिनों में जनता तय करेगी कि यह सरकार उम्मीदों पर खरी उतर रही है या नहीं।
जनता कर रही है इंतजार
एनडीए समर्थकों में उत्साह है, लेकिन जनता अब वादों को जमीन पर उतरते देखने के इंतजार में है।
बिहार के लिए यह नई शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी—इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।
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