पटना: बिहार में नई सरकार बनने के साथ ही राजनीतिक माहौल में एक नया तेवर देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से तब, जब गृह विभाग भाजपा को मिलने की पुष्टि के बाद पार्टी नेताओं ने खुलकर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। कई भाजपा नेताओं ने यहां तक कहा है कि अब बिहार की कानून व्यवस्था यूपी मॉडल की ओर बढ़ेगी, जहां अपराधियों पर बुलडोजर कार्रवाई सरकार की पहचान बन चुकी है।
सोशल मीडिया पर कई भाजपा समर्थक यह दावा कर रहे हैं कि—
> “अब अपराधी संभल जाएं, वरना बुलडोजर बिहार में भी चल सकता है।”
हालांकि इस पर आधिकारिक रूप से बिहार सरकार की ओर से कोई लिखित नीति या घोषणा नहीं की गई है, लेकिन राजनीतिक संकेत साफ हैं कि कानून व्यवस्था नई सरकार की प्राथमिकता होगी।
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🔹 सम्राट चौधरी पर बड़ी जिम्मेदारी
गृह विभाग की कमान मिलने के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के सामने बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य है।
उन्हें—
पुलिस तंत्र को मजबूत बनाना
अफसरों के साथ तालमेल बैठाना
अपराध नियंत्रण के लिए सख्त नीति लागू करना
जिलों में अपराध ग्राफ की समीक्षा
जैसे मुद्दों पर तुरंत काम करना होगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बिहार में अपराध नियंत्रण सिर्फ सख्ती से नहीं बल्कि—
✔ पुलिस सुधार
✔ इंटेलिजेंस की मजबूती
✔ कोर्ट ट्रायल में तेजी
के जरिए संभव होगा।
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🔹 विपक्ष की प्रतिक्रिया
राजद और महागठबंधन के नेताओं ने भाजपा के नेताओं के बयानों को राजनीतिक नारा बताया है। राजद ने कहा—
> “बिहार यूपी नहीं है। यहां संविधान चलता है, बुलडोजर नहीं।”
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आगे क्या?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि आने वाले महीनों में—
क्या बिहार में अपराध पर नकेल कसने के लिए नई पॉलिसी आएगी?
क्या पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव होगा?
और क्या सच में यूपी मॉडल का असर बिहार की जमीन पर दिखेगा?
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