सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तीखा पोस्ट करते हुए कहा कि बेटी ससुराल में रहेगी या मायके में—यह पूरी तरह उसके परिवार का व्यक्तिगत विषय है, किसी भी दकियानूसी सोच वाले पत्रकार का नहीं।
उन्होंने आगे लिखा कि भारत में बेटी का मायके पर अधिकार, संपत्ति पर अधिकार और पैतृक विरासत पर अधिकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट रूप से तय किया जा चुका है। इसलिए किसी को भी बेटियों की स्वतंत्रता या अधिकारों पर टिप्पणी करने का हक नहीं है।
अरुण भारती का यह बयान हाल के दिनों में हुए एक मीडिया विवाद के संदर्भ में आया है, जिसमें एक पत्रकार ने विवाह के बाद बेटियों के मायके में रहने को लेकर सवाल उठाए थे। भाजपा सांसद ने ऐसे बयानों को समाज में पिछड़ी सोच बढ़ाने वाला बताया।
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