बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज होने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने दो घंटे के भीतर दो बार बधाई दी। यह राजनीतिक हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है, क्योंकि दोनों के बीच दिवंगत रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत को लेकर लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं।
पारस और चिराग के बीच संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं। पार्टी टूटने से लेकर चुनावी रणनीति तक, दोनों कई बार आमने-सामने खड़े हुए। ऐसे में पारस द्वारा दो बार शुभकामनाएं देना इसे एक राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
क्या रिश्तों में आ रही है गरमी?
हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि दोनों के बीच रिश्ते सामान्य हो रहे हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी सफलता के बाद यह कदम पारस की ओर से एक सॉफ्ट मैसेज हो सकता है।
चिराग पासवान ने अभी तक इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन दोनों नेताओं की गतिविधियों पर सभी की नजर टिकी हुई है।
पासवान परिवार की आंतरिक राजनीति बिहार की सियासत में हमेशा से अहम रही है। परिवारिक विवादों के बावजूद दोनों धड़ों का राजनीतिक प्रभाव मजबूत माना जाता है।
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