नगालैंड से बिहार तक ड्रग्स तस्करी का नेटवर्क बेनकाब, हथियारों के बाद नशीले पदार्थों की सप्लाई में कई जिलों के तस्करों की संलिप्तता


संवाद 

नगालैंड के दीमापुर से लेकर बिहार के कई जिलों तक फैले ड्रग्स स्मगलिंग के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। एके-47 की तस्करी मामले में चल रही एनआईए की जांच के दौरान इस नेटवर्क का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि हथियारों के साथ-साथ अब हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी का बड़ा गिरोह सक्रिय है, जिसमें बिहार के कई जिलों के शातिर शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, बिहार एसटीएफ की नारकोटिक्स सेल और मुजफ्फरपुर पुलिस इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाने की तैयारी में है। मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के कुछ संदिग्धों की पहचान भी की गई है। माना जा रहा है कि तस्करी के लिए नगालैंड के दीमापुर को हब की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था, जहां से हेरोइन और हथियारों की खेप बिहार और आसपास के राज्यों में भेजी जाती थी।

एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि मुजफ्फरपुर के अलावा हाजीपुर और पूर्वी चंपारण के अपराधियों की इस नेटवर्क में गहरी संलिप्तता है। पिछले महीनों में हथियार तस्करी के मामले में कुछ गिरफ्तारी भी हुई थी, जिसके बाद अब यह ड्रग्स नेटवर्क सामने आया है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े और चेहरों का खुलासा हो सकता है। माना जा रहा है कि यह नेटवर्क नॉर्थ-ईस्ट के उग्रवादी संगठनों के संपर्क में भी हो सकता है।

इस मामले में जांच एजेंसियाँ बेहद सतर्क हैं और कई जिलों में छापेमारी की तैयारी चल रही है।

बिहार में बढ़ रही ड्रग्स तस्करी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही चिंतित थीं। अब इस बड़े नेटवर्क के सामने आने से पुलिस और खुफिया विभाग की चुनौती और बढ़ गई है।

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