बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मिथिलांचल, कोसी और तिरहुत क्षेत्रों में रिकॉर्डतोड़ मतदान ने राजनीतिक विश्लेषकों की उत्सुकता बढ़ा दी है। इन क्षेत्रों में भारी संख्या में वोटिंग होने के अलग-अलग राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
पिछले चुनाव में इन इलाकों में एनडीए का मजबूत दबदबा रहा था। ऐसे में इस बार बंपर मतदान को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या जनता बदलाव के मूड में है या फिर एनडीए के पक्ष में और बड़ा जनसमर्थन सामने आया है?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक—
उच्च मतदान आमतौर पर सत्ता विरोधी लहर या बदलाव की इच्छा का संकेत माना जाता है।
वहीं, एनडीए समर्थक इसे सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में जनविश्वास का प्रमाण बता रहे हैं।
मिथिलांचल, कोसी और तिरहुत, तीनों क्षेत्र जातीय, विकास और क्षेत्रीय मुद्दों से प्रभावित रहे हैं। ऐसे में मतदान का यह नया पैटर्न चुनावी परिणामों को अप्रत्याशित बना सकता है।
नज़रें अब वोटिंग प्रतिशत के बाद आने वाले रुझानों और काउंटिंग के दिन पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि रिकॉर्डतोड़ मतदान का फायदा किसे मिला।
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