पटना। राज्य सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अगले तीन महीनों में राज्य भर में 27,375 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जानकारी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का चयन ग्राम सभा के माध्यम से किया जाएगा, जिससे यह प्रक्रिया पारदर्शी और जनभागीदारी से युक्त हो। आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण जागरूकता, प्राथमिक उपचार जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाती हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था को मिलेगी मजबूती
राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ता रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं। इस नई भर्ती से न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच भी सुदूर गाँवों तक सुनिश्चित हो सकेगी।
मिथिला क्षेत्र को भी होगा लाभ
मिथिला के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल और अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती की जाएगी, जिससे स्थानीय महिलाओं को स्वावलंबन और सेवा का अवसर मिलेगा।