सहरसा। बिहार के सहरसा जिले से शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक की मृत्यु के बाद भी उसके खाते में एक साल तक वेतन जाता रहा और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह मामला न केवल वित्तीय अनियमितता को उजागर करता है, बल्कि प्रशासनिक निगरानी व्यवस्था की भी पोल खोलता है।
सूत्रों के अनुसार, संबंधित शिक्षक का निधन करीब एक वर्ष पूर्व हो चुका था, बावजूद इसके उनके नाम पर नियमित रूप से वेतन जारी किया जाता रहा। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस अवधि में विभाग के किसी भी अधिकारी ने उपस्थिति, कार्य या वेतन की समीक्षा तक नहीं की। अब यह मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जल्द ही जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि मृतक शिक्षक के खाते से निकासी कौन कर रहा था और उसमें किसकी मिलीभगत थी।
स्थानीय लोगों और शिक्षक संगठनों ने इस मामले को गंभीर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक असंवेदनशीलता का उदाहरण बताया है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों को तुरंत चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियां न दोहराई जाएं।