पटना/भागलपुर। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। राज्य के शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के तीसरे चरण के तहत शिक्षकों की पोस्टिंग केवल ग्रामीण क्षेत्रों में करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से भागलपुर समेत कई शहरी स्कूलों को शिक्षकों की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार, तीसरे चरण के तहत नियुक्त हो रहे शिक्षकों को केवल गांवों में तैनात किया जाएगा। शिक्षा विभाग का तर्क है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी आवश्यकता है, इसलिए वहां प्राथमिकता दी जा रही है। लेकिन इसका सीधा असर शहरी शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है, जहां पहले से ही शिक्षक संख्या सीमित है।
भागलपुर, पटना, गया, मुजफ्फरपुर जैसे शहरों के स्कूलों में पहले से ही कई विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। कई स्कूलों में एक ही शिक्षक को दो से तीन विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर सीधा असर हो रहा है।
शिक्षाविदों और अभिभावकों ने इस निर्णय पर चिंता जताते हुए कहा है कि शहरी और ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था के बीच संतुलन आवश्यक है। यदि शहरी स्कूलों की स्थिति नहीं सुधारी गई, तो निजी स्कूलों की निर्भरता और शिक्षा असमानता और बढ़ेगी।
अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस असंतुलन को दूर करने के लिए आगे क्या कदम उठाता है।