नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने के फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि "यह हमारी, समाजवादियों और लालू यादव की ऐतिहासिक जीत है। वर्षों से हम इसके लिए लड़ते आए हैं।"
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा अब इसका श्रेय लेने की कोशिश करेगी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कई बार जाति जनगणना को नकारा था। उन्होंने कहा, “जातिगत जनगणना की असली लड़ाई तो लालू प्रसाद यादव ने शुरू की थी। उस समय इसे नजरअंदाज किया गया, लेकिन आज जो निर्णय आया है, वह सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना की घोषणा सियासी रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विपक्ष इसे अपनी विचारधारा की जीत बता रहा है, वहीं भाजपा की ओर से इस पर अब तक कोई सीधा जवाब नहीं आया है।
तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार से अपील की कि यह केवल घोषणा तक सीमित न रहे, बल्कि इसे जल्द से जल्द क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि "जातिगत आंकड़े सामने आने से समाज के वंचित वर्गों को उनका हक और सम्मान मिलेगा।"
इस मुद्दे पर आगे भी राजनीतिक बयानबाजी और रणनीति देखने को मिल सकती है।