रोहित कुमार सोनू, संपादक – मिथिला हिन्दी न्यूज
रामनगर, पश्चिम चंपारण:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए रामनगर (SC) विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत पकड़ है, लेकिन कांग्रेस और अन्य दल भी इस पर चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा की मजबूत दावेदार – भागीरथी देवी
भागीरथी देवी 2010 से लगातार इस सीट पर जीतती आ रही हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने 82,166 वोट लेकर विजय प्राप्त की थी। उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हालांकि हाल के चुनावों में उनके वोट प्रतिशत में कुछ गिरावट देखी गई है, जिससे पार्टी के भीतर नए चेहरे पर भी चर्चा चल रही है।
कांग्रेस की वापसी की तैयारी – पूर्णमासी राम
कांग्रेस ने 2020 में पूर्णमासी राम को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने 64,178 वोट हासिल किए। पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पूर्णमासी राम को फिर से मौका मिल सकता है ताकि वे भाजपा की चुनौती दे सकें। कांग्रेस महागठबंधन के साथ मिलकर इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
अन्य दल और संभावित उम्मीदवार
जनता दल (यूनाइटेड) ने 2020 में इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा था, लेकिन 2025 में वे महागठबंधन के तहत मैदान में उतर सकते हैं। इसके अलावा, कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ने की संभावना रखते हैं।
जातीय समीकरण और सामाजिक परिस्थिति
रामनगर क्षेत्र में दलित, थारू, यादव और मुस्लिम समुदाय की संख्या काफी है। विशेष रूप से थारू और आदिवासी वोटर्स की भूमिका चुनाव में निर्णायक होती है। सभी पार्टियां इन समुदायों के समर्थन को पाने के लिए रणनीति बना रही हैं।
रामनगर विधानसभा सीट पर 2025 के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। विकास, जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की छवि इस चुनाव के परिणाम को प्रभावित करेगी।
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लेखक: रोहित कुमार सोनू, संपादक – मिथिला हिन्दी न्यूज