बिहार में मानसून का असर कमजोर, अब तक सामान्य से 46% कम बारिश | उत्तर बिहार सबसे ज्यादा प्रभावित


संवाद 


बिहार में मानसून सीजन (1 जून से 7 जुलाई) तक जहां औसतन 240.3 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, वहीं अब तक केवल 129.7 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। यानी राज्य में सामान्य से करीब 46 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिससे खेती-किसानी पर असर पड़ने की आशंका गहराने लगी है।

उत्तर बिहार में सबसे ज्यादा बारिश की कमी

उत्तर बिहार के जिलों में बारिश की स्थिति और भी गंभीर है। कुछ जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है:

मधेपुरा

पूर्वी चंपारण

पश्चिमी चंपारण

समस्तीपुर

सारण

शिवहर

बेगूसराय

खगड़िया


क्या कहता है मौसम विभाग?

मौसम विभाग का कहना है कि:

> "मानसून की ट्रफ लाइन अभी तक दक्षिण में बनी हुई है, जिससे बिहार में अच्छी बारिश नहीं हो रही है। आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन व्यापक बारिश की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही।"



कृषि पर संकट के बादल

कम बारिश का सबसे बड़ा असर धान की खेती पर पड़ सकता है:

धान की बोवाई का समय निकलता जा रहा है।

कई क्षेत्रों में नहरों और तालाबों में पानी नहीं भर पाया है।

सिंचाई पर खर्च बढ़ेगा, जिससे किसानों की लागत भी बढ़ेगी।


सरकार की तैयारी?

राज्य सरकार की ओर से सूखा संभावित इलाकों की पहचान शुरू की गई है। कृषि विभाग ने जिलों से फसल स्थिति की रिपोर्ट मंगाई है ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सके।





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