बिहार की राजनीति में चिराग पासवान बने अबूझ पहेली, बहनोई अरुण भारती ने तेजस्वी की तरह सरकार को घेरा


संवाद 


बिहार की राजनीति में चिराग पासवान इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह सिर्फ उनके बयान नहीं, बल्कि उनके परिवार के भीतर की सियासी ट्यूनिंग भी है। जहां एक ओर चिराग पासवान एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का हिस्सा भी हैं, वहीं दूसरी ओर वे खुद ही नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था को ध्वस्त बता रहे हैं।

चिराग के बयान से हलचल

हाल ही में पटना में एक व्यापारी की हत्या के बाद चिराग ने कहा—

> “अगर राजधानी में ये हाल है, तो सोचिए गांवों में क्या हो रहा होगा?”



इस बयान ने न केवल गठबंधन में उनके स्थान को लेकर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि एनडीए के भीतर असहजता भी बढ़ा दी है।

बहनोई अरुण भारती ने तेजस्वी की तर्ज पर साधा निशाना

चिराग पासवान के बहनोई और सांसद अरुण भारती ने भी अब तेजस्वी यादव की शैली में राज्य सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। उन्होंने कहा:

> “राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति में लगा है। आम जनता डर के साए में जी रही है।”



अरुण भारती का यह बयान सत्ताधारी गठबंधन के लिए और भी ज्यादा असहज स्थिति पैदा करता है क्योंकि इससे अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।

अबूझ पहेली क्यों बनते जा रहे हैं चिराग?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार:

चिराग एनडीए के भीतर हैं, लेकिन कई बार उनके बयान विपक्षी दलों से मिलते-जुलते नजर आते हैं।

वह खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थक बताते हैं, लेकिन नीतीश सरकार पर हमलावर रहते हैं।

उनके बहनोई का बयान बताता है कि एलजेपी (रामविलास) में अलग-अलग ध्रुव सक्रिय हैं।


गठबंधन के लिए नई चुनौती

एनडीए के सहयोगी दल इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन अंदरखाने इस बात को लेकर बेचैनी जरूर है कि विधानसभा चुनाव 2025 से पहले इस तरह के बयानों से गठबंधन में दरार की आहट तो नहीं?


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