रोहित कुमार सोनू
आस्था के महापर्व छठ पूजा के शुभ अवसर पर भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक भावनात्मक और सांस्कृतिक पहल की शुरुआत की है। अब देश के कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर छठ के पारंपरिक गीतों का प्रसारण किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य त्योहार के माहौल को जीवंत बनाना और यात्रियों को अपने घर-परिवार एवं संस्कृति से जोड़े रखना है।
🎵 स्टेशनों पर गूंज रहे हैं छठ के लोकगीत
जैसे ही यात्री प्लेटफॉर्म पर कदम रखते हैं, ‘उठल सवेरवा, अरघ दिहीं सूर्य भगवान’ और ‘कांच ही बांस के बहंगिया’ जैसे मधुर गीत उनके मन को भाव-विभोर कर देते हैं। गीतों की भक्ति-मयी धुनें प्रवासियों को मानो उनके गांव-घर और छठ घाटों की याद दिला रही हैं। इससे प्लेटफॉर्म का वातावरण श्रद्धा, उत्साह और उमंग से भर जाता है।
📍 किन स्टेशनों पर शुरू हुई यह सुविधा?
यह पहल निम्न प्रमुख स्टेशनों पर लागू की गई है:
- पटना
- दानापुर
- हाजीपुर
- भागलपुर
- जमालपुर
- सोनपुर
- नई दिल्ली
- गाजियाबाद
- आनंद विहार टर्मिनल
🚉 त्योहार को ध्यान में रखते हुए रेलवे के विशेष इंतजाम
छठ पूजा के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने कई विशेष व्यवस्थाएं की हैं:
✅ होल्डिंग एरिया की व्यवस्था, जहां यात्री आराम से ट्रेन का इंतजार कर सकें।
✅ सुरक्षा के लिए आरपीएफ कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती।
✅ सभी प्लेटफॉर्म और प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी निगरानी।
✅ स्टेशन परिसर में स्वच्छता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है।
👮 रेलवे अधिकारियों का कहना
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह पहल यात्रियों के सफर को न केवल सुविधाजनक बल्कि भावनात्मक रूप से भी यादगार बनाएगी। त्योहार के दौरान जब हजारों प्रवासी अपने घर की ओर लौटते हैं, तो स्टेशनों पर छठ गीतों की गूंज उनके मन में ‘घर आने की खुशी’ को और गहरा कर देती है।
✨ संस्कृति और संवेदना का सम्मान
यह कदम न केवल बिहार और पूर्वांचल की सांस्कृतिक परंपरा को सम्मान देता है, बल्कि यात्रियों के मन में घर जैसी आत्मीयता भी पैदा करता है। इस पहल ने रेलवे स्टेशनों को सिर्फ यात्रा स्थल न रहकर एक भावनात्मक संस्कार स्थल में बदल दिया है।
🚩छठ महापर्व के इस पावन मौके पर रेलवे की यह पहल निश्चित रूप से यात्रियों की आस्था को और भी प्रगाढ़ बना रही है।
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