रोहित कुमार सोनू
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भाजपा के अंदर टिकट वितरण को लेकर जबरदस्त रस्साकशी देखने को मिली। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया चार अलग-अलग स्तरों पर चली।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा की 101 सीटों पर हर एक सीट के लिए चार-चार संभावित नामों की सूची तैयार की गई थी। पहली लिस्ट प्रदेश के वरिष्ठ नेता दिलीप जसवाल, दूसरी लिस्ट प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, तीसरी लिस्ट केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और चौथी लिस्ट आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बिहार प्रांत नेतृत्व की ओर से भेजी गई थी।
जानकारों का कहना है कि टिकट वितरण में आरएसएस और सम्राट चौधरी की लिस्ट का प्रभाव सबसे अधिक दिखा, जबकि कुछ सीटों पर नित्यानंद राय की सिफारिशें भी मानी गईं। दिलीप जसवाल का प्रभाव सीमित इलाकों में ही नजर आया।
राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि भाजपा नेतृत्व ने इस बार सामाजिक संतुलन और संगठनात्मक वफादारी को प्राथमिकता दी है, इसी वजह से कई पुराने चेहरों को टिकट से वंचित होना पड़ा।
अब देखना यह होगा कि टिकट वितरण की यह रणनीति चुनावी मैदान में भाजपा को कितना लाभ पहुंचा पाती है।
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