संवाद
छठ पूजा न सिर्फ आस्था का पर्व है, बल्कि यह ऐसा कठिन व्रत भी है जिसमें शरीर को अत्यधिक संयम और सहनशीलता की आवश्यकता होती है। 36 घंटे तक बिना पानी और अन्न ग्रहण किए रहने वाला यह व्रत शारीरिक रूप से मजबूत व्यक्ति के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में शुगर (डायबिटीज), बीपी, किडनी और हृदय से संबंधित मरीजों को छठ व्रत रखने से पहले सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है। डॉक्टरों ने ऐसे लोगों को व्रत रखने से पहले चिकित्सा परामर्श लेने की सख्त सलाह दी है।
✅ क्यों जरूरी है डॉक्टर से परामर्श?
व्रत शुरू करने से पहले डॉक्टर से जांच कराने पर शरीर की वर्तमान स्थिति का पता चल जाता है। इससे शुगर, बीपी और अन्य दवाइयों की डोज़ को डॉक्टर जरूरत के अनुसार बढ़ा या घटा सकते हैं। बिना परामर्श के दवा लेना या व्रत शुरू कर देना शरीर के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
🍚 शुगर मरीजों के लिए सबसे बड़ा खतरा – हाइपोग्लाइसीमिया
डायबिटीज के मरीजों में लंबे समय तक भोजन न करने से ब्लड शुगर अचानक गिर सकता है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। इससे चक्कर आना, पसीना आना, बेहोशी या गंभीर स्थिति तक हो सकती है।
डॉक्टरों की सलाह:
- व्रत शुरू करने से पहले शुगर लेवल की जांच जरूर करवाएं।
- डॉक्टर की सलाह से इंसुलिन या दवाओं की मात्रा में बदलाव करें।
- खरना में अत्यधिक मीठा खाने से बचें, लेकिन नियंत्रित मात्रा में प्रसाद लें ताकि कमजोरी न आए।
🩺 बीपी मरीज रहें सचेत – तनाव और थकान से रखें दूरी
व्रत के दौरान सूर्य अर्घ्य के समय लंबे समय तक खड़े रहना और पानी न पीना ब्लड प्रेशर को असंतुलित कर सकता है। ऐसे में उच्च रक्तचाप या लो बीपी दोनों ही स्थितियां खतरनाक हो सकती हैं।
विशेष निर्देश:
- व्रत से पहले डॉक्टर से बीपी चेक करवाएं।
- दवाओं का सेवन बीच में जारी रखें (डॉक्टर के अनुसार)।
- अत्यधिक तनाव, थकान और धूप में अधिक देर खड़े रहने से बचें।
❤️ हृदय और किडनी मरीजों के लिए व्रत हो सकता है जोखिम भरा
पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन होता है, जिससे किडनी पर अतिरिक्त भार पड़ता है। वहीं, हार्ट मरीजों में रक्त संचार की कमी और तेज धड़कन की समस्या बढ़ सकती है।
डॉक्टरों की सलाह:
- बिना अनुमति व्रत न रखें।
- यदि शरीर संकेत दे रहा हो (चक्कर, सांस फूलना, सीने में दर्द), तुरंत व्रत तोड़ें और चिकित्सक से संपर्क करें।
😴 आराम भी उतना ही ज़रूरी
छठ व्रत के दौरान विशेष रूप से आराम करना जरूरी है, ताकि शरीर की ऊर्जा संतुलित रहे। जोरदार कार्य, भागदौड़ और तनाव से बचें।
📌 क्या करें अगर डॉक्टर व्रत की अनुमति न दें?
ऐसी स्थिति में खुद व्रत न रखें, बल्कि परिवार के किसी स्वस्थ सदस्य को व्रती बनने दें और श्रद्धा के साथ सहयोग करें। छठी मइया भावना को देखती हैं, मजबूरी नहीं।
🙏 आस्था के संग स्वास्थ्य भी ज़रूरी
छठ पूजा एक महान तपस्या है, लेकिन स्वास्थ्य आपका सबसे बड़ा धन है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही व्रत करें। यदि व्रत रखने की स्थिति न हो तो मइया से अनुमति लेते हुए मानसिक रूप से व्रत का संकल्प लें।
छठ मइया आप सभी को स्वस्थ रखें, सुख-समृद्धि और संतानों की दीर्घायु का आशीर्वाद दें।
स्वास्थ्य का ख्याल रखें, आस्था को सम्मान दें।
छठ पूजा की शुभकामनाएं!
– मिथिला हिन्दी न्यूज