संवाद
छठ महापर्व बेहद पवित्र और अनुशासित पर्व माना जाता है। लेकिन यदि नहाय-खाय के दिन या छठ व्रत के दौरान मासिक धर्म (पीरियड्स) आ जाए, तो घबराने या खुद को दोषी मानने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और धर्म में कहीं भी इसे दोष के रूप में नहीं देखा जाता। महत्वपूर्ण है — शुद्धता, आस्था और भावनात्मक समर्पण का सम्मान करना।
क्या करें जब नहाय-खाय के दिन पीरियड्स आ जाएं?
✅ स्नान और स्वच्छता का ध्यान रखें
सबसे पहले बाल धोकर अच्छे से स्नान करें और शरीर को स्वच्छ रखें।
✅ पूजा-पाठ या प्रसाद निर्माण न करें
इस स्थिति में पूजा करना या प्रसाद बनाना उचित नहीं माना जाता। रसोई में प्रवेश करने से बचें।
✅ सूर्य देव को प्रणाम कर सकती हैं
आप धूप देखकर श्रद्धा के साथ सूर्य देव को नमस्कार कर सकती हैं और छठी मैया से मन ही मन आशीर्वाद मांग सकती हैं।
✅ प्रसाद किसी अन्य सदस्य से बनवाएं
नहाय-खाय के लिए कद्दू-भात या व्रत के अन्य प्रसाद घर के किसी अन्य शुद्ध सदस्य द्वारा तैयार करवाएं।
✅ प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है
आप श्रद्धापूर्वक प्रसाद ग्रहण कर सकती हैं, क्योंकि प्रसाद सेवन करना वर्जित नहीं है।
✅ जल अर्पित करना वर्जित है
इस अवस्था में अर्घ्य देना या जल अर्पित करना परंपराओं के अनुसार उचित नहीं माना जाता।
✅ छठ माता से क्षमा याचना करें
पूरी श्रद्धा से छठी मैया से मन ही मन प्रार्थना करें —
“माता, यह स्थिति प्राकृतिक है। कृपया इसे समझकर मेरी भावना को स्वीकार करें। मैं अगले वर्ष शुद्ध मन से आपका व्रत पूर्ण करूँगी।”
यदि संभव हो, व्रत स्थगित कर अगले वर्ष करें
कई परिवारों में ऐसी स्थिति में व्रत को प्रतीकात्मक रूप से स्वीकार करते हुए अगले वर्ष पुनः पूरी विधि से किया जाता है।
आस्था का अर्थ है प्रेम, विश्वास और निष्ठा — न कि स्वयं को दोष देना।
छठ माता आपकी भावना को स्वीकार करती हैं, यदि आपका मन सच्ची श्रद्धा से भरा हो।
छठ पूजा से जुड़ी हर जानकारी के लिए पढ़ते रहिए —
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