संवाद
छठ महापर्व अत्यंत पवित्र और कठोर व्रतों में से एक माना जाता है। यह पर्व पूरी निष्ठा, शुद्धता और सात्त्विक जीवन शैली के साथ मनाया जाता है। इसी कारण छठ पूजा के दौरान प्याज, लहसुन और मांसाहारी चीजों का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है।
🔹 क्यों नहीं किया जाता इन चीजों का सेवन?
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सात्त्विकता का पालन:
छठ व्रत में शरीर और मन दोनों की शुद्धता आवश्यक होती है। प्याज और लहसुन को तामसिक (Tamasic) एवं राजसिक (Rajasic) श्रेणी में रखा गया है, जो मन को विचलित कर सकते हैं। -
मानसिक शांति के लिए:
मांसाहार तथा तामसिक भोजन मानसिक उत्तेजना बढ़ा सकता है, जबकि छठ पूजा में मानसिक संयम और ध्यान आवश्यक माना जाता है। -
शुद्धता और तपस्या का महत्व:
छठ व्रत कठिन उपवास और तपस्या का प्रतीक है। इसमें व्रती केवल शुद्ध सात्त्विक भोजन करते हैं ताकि शरीर और आत्मा दोनों पवित्र रहें। -
भक्तिकालीन मान्यता:
माना जाता है कि छठी मइया (सूर्य की बहन) केवल सात्त्विक और निर्मल वातावरण में पूजा स्वीकार करती हैं।
✅ व्रत के दौरान क्या खाया जाता है?
✔️ शुद्ध देसी घी
✔️ गेहूं का आटा और गुड़
✔️ कच्चे चावल (अरवा चावल)
✔️ सिंगाड़े का आटा
✔️ फलाहार
✔️ ठेकुआ, कसार, रसोई का सात्त्विक भोजन
🙏 श्रद्धा और अनुशासन का पर्व
छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि तप, संयम और आत्मिक शुद्धता का उत्सव है। इस दौरान प्याज, लहसुन और मांसाहार छोड़ना आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक माना जाता है।
छठ महापर्व की हर परंपरा के पीछे छिपे धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व जानने के लिए पढ़ते रहिए मिथिला हिन्दी न्यूज 🌅🪔