रोहित कुमार सोनू
बिहार में आने वाले पंचायत चुनावों को लेकर एक अहम चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, इस बार प्रमुख और उपप्रमुख के पदों का चुनाव सीधे वोट से करवाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह पंचायत व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव माना जाएगा, क्योंकि अब तक प्रमुख और उपप्रमुख का चुनाव निर्वाचित वार्ड सदस्यों द्वारा ही किया जाता रहा है।
✔ पहले भी हो चुका है ऐसा प्रयोग
बिहार में इससे पहले नगर निकाय चुनाव में ऐसा मॉडल लागू किया गया था—जहां सभापति और उपसभापति का चुनाव सीधे जनता के वोटों से कराया गया था। इसका उद्देश्य था चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करना। अब पंचायत स्तर पर भी उसी मॉडल को लागू करने की चर्चा चल रही है।
✔ क्या बदलेगा अगर प्रस्ताव लागू हुआ?
- पंचायत प्रमुख और उपप्रमुख को जनता सीधे चुनेगी।
- धनबल और दलगत समीकरणों पर निर्भरता कम होगी।
- स्थानीय नेतृत्व को अधिक सीधे तौर पर जवाबदेह बनाना होगा।
- पंचायतों में राजनीतिक पारदर्शिता बढ़ेगी।
✔ अंतिम निर्णय जल्द
हालांकि अभी इस पर आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन राज्य सरकार और चुनाव आयोग इस मॉडल पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। यदि इसे हरी झंडी मिलती है, तो बिहार की पंचायत राजनीति में यह सबसे बड़ा बदलाव माना जाएगा।
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