बिहार में चर्चित भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन जेल डीआईजी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो गई है। दरअसल, विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने मई 2017 में उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी।
SVU द्वारा दर्ज इसी प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत अपनी स्वतंत्र जांच शुरू की। ईडी अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि कथित भ्रष्टाचार से अर्जित अवैध संपत्ति को किस तरह से निवेश या शोधन (लॉन्ड्रिंग) किया गया।
जेल प्रशासन से जुड़े इस मामले ने उस समय शासन और सुरक्षा तंत्र में हलचल मचा दी थी। ईडी की जांच आगे बढ़ने के बाद आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
बिहार में भ्रष्टाचार, जांच एजेंसियों की कार्रवाई और प्रशासनिक अपडेट के लिए पढ़ते रहें — मिथिला हिन्दी न्यूज।