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नीतीश सरकार को शिक्षक दिवस मनाने का हक नहीं - डॉ० लाभ

राजेश कुमार वर्मा

  समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद की जिला इकाई के तत्वावधान में मारवाड़ी बाजार स्थित ठाकुरवाड़ी में गणपति पूजा के अवसर पर आयोजित अनुदानित माध्यमिक, इन्टर व डिग्री कॉलेजों के शिक्षक-कर्मियों, वकीलों, साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों की एक बैठक शिक्षक नेता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ परमानन्द लाभ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।कार्यक्रम की शुरुआत प्रो रीता वर्मा, प्रो अंजु कुमारी, जगतारण देवी, प्रो ज्योति और निर्मला कुमारी के सामूहिक स्वर में गाये गोसाउनि गीत "जय जय भैरवि असुर भयावनि"के साथ हुई,जबकि उपस्थित लोगों का स्वागत अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ सत्यनारायण महतो ने किया।अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ लाभ ने सम्पूर्ण बिहार, विशेषकर शिक्षक समाज के कल्याण की कामना मंगल देवता गणेश से करते हुए बिहार सरकार से अपेक्षा की कि उसके शिक्षा विरोधी आचरण में बदलाव होगा।केन्द्र सरकार देश की आर्थिक स्थिति को चौपट कर रही है, जबकि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को मिट्टी पलीद कर राज्य की अगली पीढ़ी को चौपट करने पर तुली है।वित्तरहित जैसी अनीति को वजूद में रखकर शिक्षक दिवस मनाने का नीतीश सरकार को कोई नैतिक हक नहीं है। बैठक में निर्णय लिया गया कि बिहार के सभी कोटि के शिक्षक शिक्षक दिवस को काले दिवस के रुप में मनाऐंगे तथा आगामी विधान परिषद, विधान सभा अथवा लोकसभा के चुनाव में सरकारी दलों अथवा उनके समर्थित उम्मीदवार को हरवाने की हरसंभव कोशिश करेंगे।
   अन्त में प्रसिद्ध गीतकार नन्दकिशोर शर्मा के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। धन्यवादज्ञापन मिथिला शिक्षा परिषद के राष्ट्रीय संयोजक प्रो पी के झा "प्रेम" ने किया।बैठक को सम्बोधित करने वाले में प्रमुख प्रो नुरुल इस्लाम अशरफ।प्रो राहत हुसैन, प्राचार्य विनय कुमार पोद्दार, प्रो रामबाबू रजक, प्रो नन्दकिशोर सिंह, प्रो आर एन चौधरी, प्रो श्यामा कुमारी, प्रो श्रुति सुमन, वकील कुमार, अजय कुमार सिंह, प्रो गणेश प्र यादव, प्रो प्रमोद कुमार चौधरी, प्रो सुहैल अहमद, प्रो गंगासागर राय, प्रो वेद ना राय, सुबोध नाथ मिश्रा, प्रो अफरोज आलम, प्रो अनिल कुमार ठाकुर, प्रो रमेश गाड़ा, रंजन कु सिंह, प्रो राघवेन्द्र ठाकुर, उदय शंकर सिंह, डॉ अवधेश झा, प्रो रविशंकरनाथ कर्ण, प्रो कामेश्वर राय आनन्द कु सिंह, प्रो सुबोध कुमार झा, अधिवक्ता अरुण कुमार ठाकुर, पंकज देव, प्रो उमेश ठाकुर, ई चन्द्रकान्त लाभ, ई अजीत कु सिंह, शिवेन्द्र कु पाण्डेय, विनयकृष्ण, प्रवीण कु० चुन्नू आदि थे। 

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