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बिहार की नदियों का उफान जारी, अररिया के एक दर्जन गांवों में घुसा पानी; किशनगंज में सड़क व पुल का अप्रोच ढहा

संवाद 

बिहार के पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी है. किशनगंज जिले में लगातार वर्षा के कारण रतुआ, कंकाई आदि नदियां उफान पर हैं. इन नदियों का जलस्तर बढ़ने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है. जिले के ठाकुरगंज और बहादुरगंज प्रखंड में भीषण कटाव जाड़ी है. ठाकुरगंज प्रखंड में सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन नदी में समा गई है. कई जगहों पर सुपारी के पेड़ कट कर नदी में समाते देखे गए हैं. बहादुरगंज प्रखंड के लौचा पंचायत के बोचागाड़ी एवं सतमेढ़ी गांव में भी बाढ़ के पानी से भीषण कटाव जारी है.

बाढ़ के कारण बोचागाड़ी गांव में नूरुल आलम का दो कमरे का पक्का मकान नदी में डूब गया है. यही नहीं, कटाव की चपेट की डर से कई लोग खुद अपने पक्के मकान को तोड़ रहे हैं. मजदूरी कर आजीविका चलाने वाले नूरुल आलम और उनका परिवार प्राकृतिक आपदा के कारण टूट गया है. उन्होंने बताया कि बोचागाड़ी की आबादी लगभग 2000 और सतमेढ़ी की लगभग 1500 है. दोनों गांव में सरकारी स्कूल एवं मदरसा तथा आंगनबाड़ी केंद्र हैं. पिछले वर्ष भी भीषण कटाव से दर्जनों परिवारों के घर नदी के गाल में समा चुके हैं. जल संसाधन विभाग ने कुछ इलाके में कटावरोधी काम कराए थे, मगर वह नाकाफी था. बारिश के कारण अब जब बाढ़ का खतरा सिर पर मंडरा रहा है तो ग्रामीणों में प्रशासन और सरकार के प्रति गुस्सा है.

अफसर बोले-हालात पर नजर
किशनगंज के कलेक्टर श्रीकांत शास्त्री ने बाढ़ग्रस्त टेढ़ागाछ प्रखंड के निचले इलाके में राहत एवं बचवा के इंतजाम शुरू करा दिए हैं. बाढ़ के मद्देनजर चार पंचायतों मटियारी, कालपीड़, सुहिया एवं चिलहनियां में कम्युनिटी किचन शुरू करने की बात कही गई है. इसके साथ ही कटाव मामले में डीएम ने कहा कि बाढ़ से निपटने के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. कई जगह पानी बढ़ जाने से दिक्कत हो रही है, फिर भी प्रशासन हरसंभव मदद करने को तैयार है. गौरतलब है कि भारी बारिश से टेढ़ागाछ प्रखंड के हवा कौल, चिल्हनिया पंचायत के सुहिया गांव सहित कई अन्‍य गांवों में पानी की चपेट में हैं. कई जगहों पर प्रधानमंत्री सड़क और मुख्यमंत्री सड़क भी डूब गई है और पुल बह चुके हैं.

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