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नवादा में एकाएक सदर अस्पताल आए DM तो मचा तहलका, व्यवस्था देख जताई नाराजगी


संवाद 

नवादा के डीएम प्रशांत कुमार सीएच शुक्रवार (26 अप्रैल) को देर रात्रि अचानक सदर अस्पताल आ गए. उन्हें अचानक देखकर अस्पताल में तहलका मच गया. डीएम ने अस्पताल परिसर में गंदगी देख नाराजगी जताई और व्यवस्था को दुरुस्त करने का आदेश दिया.दरअसल जब डीएम अस्पताल पहुंचे तो सर्जिकल वार्ड के भीतर और बाहर, महिला एवं प्रसूति वार्ड, पैथोलॉजी भवन के बाहर और सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर परिसर में गंदा पानी फैला हुआ था. सर्जिकल वार्ड में भवन काफी पुराना है और वर्तमान में कुल 22 बेड लगे हैं. इन सभी बेडों पर मरीज मिले. बेडों पर अलग-अलग रंग की चादर बिछी थी, जिसमें कुछ चादर गंदी भी थी. जबकि पर्पल रंग की चादर बिछाने का प्रावधान है. वहीं सर्जिकल वार्ड के हॉल में कुछ बेडों पर मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा था. उसकी विधिवत प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी. इस संबंध में डीएम ने सिविल सर्जन, उपाधीक्षक, डीपीएम एवं अस्पताल प्रबंधक को आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया.जिलाधिकारी ने इमरजेंसी वार्ड का भी जायजा लिया. 

सभी 20 बेडों पर मरीज मिले. 

निरीक्षण के वक्त डॉ. अमित कुमार मरीजों का उपचार कर रहे थे. निरीक्षण में पाया गया कि वार्ड में जगह की काफी कमी होने के वजह से बेडों के बीच दूरियां कम हैं और एक दूसरे से बेड लगभग सटे हैं. एएनएम और जीएनएम अपने कक्ष में मौजूद रहकर कार्य का संपादन कर रही थीं. इमरजेंसी वार्ड में उपलब्ध साफ-सफाई की व्यवस्था एवं चिकित्सा व्यवस्था में और अधिक सुधार करने का आदेश दिया गया. इसके बाद डीएम ने महिला एवं प्रसुति वार्ड का निरीक्षण किया. सिविल सर्जन और उपाधीक्षक को भर्ती महिलाओं को विभागीय प्रावधानानुसार सभी चिकित्सकीय एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया. उसके बाद डीएम जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय भी गए. निरीक्षण में पाया गया कि भव्या कार्यक्रम/ऐप से संबंधित कमांड एंड कंट्रोल रूम बंद है. जिला स्वास्थ्य समिति के मुख्य द्वार पर कार्यालय के नाम का कोई बोर्ड नहीं लगा है. एसएनसीयू के निरीक्षण में पाया गया कि वार्ड में कुल 11 नवजात शिशु भर्ती हैं और उनका इलाज डॉ. सुनील कुमार कर रहे हैं. चिकित्सक ने डीएम को बताया कि इस वार्ड में किसी नवजात की सर्जरी नहीं की जाती है. एसएनसीयू के बाहर और अंदर भर्ती नवजात की मां और उनके अभिभावकों के प्रतीक्षा के लिए प्रतीक्षालय नहीं होने के वजह से कुछ लोग जिला स्वास्थ्य समिति के मुख्य द्वार पर जमीन पर बैठे हुए थे. इस सिलसिले डीएम ने सिविल सर्जन को आदेश दिया कि एसएनसीयू के बाहर निर्मित होने वाले प्रतिक्षालय से संबंधित संचिका 24 घंटे के भीतर पेश करें.प्री फेब्रीकेटेड पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वार्ड में लगे बेड की चादर काफी गंदी है. लू वार्ड निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि प्री फेब्रिकेटेड पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड के ही आधे भाग में लू वार्ड के रूप में विकसित किया गया है. इस वार्ड में कुल 11 बेड को तैयार किया गया है. इस पर सिविल सर्जन को आदेश दिया गया कि लू-वार्ड में आकस्मिक स्थिति के मद्देनजर चिकित्सकों की रोस्टर वार प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करें. रैन बसेरा का निरीक्षण में पाया गया कि भवन में ऑक्सीजन पाइपलाइन है, लेकिन वह काम नहीं कर रही है. इस संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया. सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, इसका समुचित प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है. इस सुविधा का प्रचार-प्रसार अस्पताल परिसर के अंदर और सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर बड़े फलैक्सों में करना सुनिश्चित करें. पोस्टमार्टम हाउस के पास समुचित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी किये जाने का आदेश दिया गया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ. रामकुमार प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ. एसडी अरैय्यर उपाधीक्षक, डीपीएम अमित कुमार, अस्पताल प्रबंधक कुमार आदित्य आदि उपस्थित रहे. 

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