संवाद
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने सख्त रुख अपनाते हुए पार्टी की विचारधारा के खिलाफ काम करने वाले 11 नेताओं को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई उन नेताओं पर की गई है जो जेडीयू में रहते हुए निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतर गए थे।
पार्टी के प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र में निष्कासित नेताओं के नामों की घोषणा की गई। इन सभी नेताओं पर पार्टी के निर्देशों की अनदेखी करने और बागी तेवर अपनाकर संगठन को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
निष्कासित किए गए नेताओं की सूची:
- शैलेश कुमार – पूर्व मंत्री, मुंगेर (जमालपुर)
- संजय प्रसाद – पूर्व सदस्य विधान परिषद (एमएलसी), जमुई (चकाई)
- श्याम बहादुर सिंह – पूर्व विधायक, सीवान (बड़हरिया)
- रणविजय सिंह – पूर्व एमएलसी, भोजपुर (बड़हरा)
- सुदर्शन कुमार – पूर्व विधायक, शेखपुरा (बरबीघा)
- अमर कुमार सिंह – बेगूसराय (साहेबपुर कमाल)
- डॉ. आसमा परवीन – वैशाली (महुआ)
- लब कुमार – औरंगाबाद (नवीनगर)
- आशा सुमन – कटिहार (कदवा)
- दिव्यांशु भारद्धाज – पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)
- विवेक शुक्ला – सीवान (जिरादेई)
क्यों की गई कार्रवाई?
जेडीयू के अनुसार, इन नेताओं ने चुनाव के दौरान पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरकर अनुशासन का उल्लंघन किया, जिससे पार्टी की छवि प्रभावित हो रही थी। पार्टी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि संगठन के खिलाफ किसी भी बगावत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह कार्रवाई जेडीयू के लिए एक सख्त अनुशासनिक संकेत है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अन्य संभावित बागियों के लिए भी एक चेतावनी है, साथ ही चुनावी रणनीति को मजबूत और एकजुट करने का प्रयास है।
देश, बिहार और राजनीति की हर बड़ी खबर के लिए पढ़ते रहिए मिथिला हिन्दी न्यूज ✅